अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।। अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।।
ख़ुशियों के लिए देश का द्वार खोलते हैं ख़ुशियों के लिए देश का द्वार खोलते हैं
और ज़हर का स्वाद शिव से पूछो, मीरा से पूछोगे तो अमृत ही बताएगी और ज़हर का स्वाद शिव से पूछो, मीरा से पूछोगे तो अमृत ही बताएगी
पहचान का संकट पहचान का संकट
करें कैसे जल संकट का समाधान, निपटना कठिन है, नही हैं आसान । करें कैसे जल संकट का समाधान, निपटना कठिन है, नही हैं आसान ।
मैं नदी हूँ तुम्हारी माँ जैसी हूँ सब कुछ सह चुप रहती हूँ। मैं नदी हूँ तुम्हारी माँ जैसी हूँ सब कुछ सह चुप रहती हूँ।